मध्य प्रदेश। राज्य में पिछले तीन सालों में महिलाओं और लड़कियों के लापता होने का एक हैरान करने वाला चलन देखने को मिला है, आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 और 2024 के बीच 31,801 महिलाएं लापता हुई हैं। इस चौंकाने वाले आंकड़े में 28,857 महिलाएं और 2,944 लड़कियां शामिल हैं।
कांग्रेस विधायक और पूर्व गृह मंत्री बाला बच्चन द्वारा की गई जांच के बाद राज्य विधानसभा में यह डेटा सार्वजनिक किया गया। इसमें सामने आया कि, मध्य प्रदेश में औसतन हर दिन 28 महिलाएं और तीन बच्चे लापता होते हैं।
हालांकि, इन आंकड़ों के बावजूद आधिकारिक तौर पर केवल 724 मामले ही दर्ज किए गए हैं। अकेले उज्जैन में पिछले 34 महीनों में 676 महिलाएं लापता हुई हैं, फिर भी कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
सागर जिले में भी ऐसा ही पैटर्न देखा गया, जहां सबसे ज्यादा 245 मामले लड़कियों के लापता होने के दर्ज किए गए। इंदौर में 2,384 मामले दर्ज किये गये, जो किसी भी जिले के लिए सबसे अधिक है, फिर भी एक महीने में 479 लोगों के गायब होने के बावजूद केवल 16 मामले ही आधिकारिक तौर पर दर्ज किये गये।
लापता लोगों की सूची में मध्य प्रदेश सबसे ऊपर
लापता बच्चों, महिलाओं और लड़कियों की संख्या के मामले में मध्य प्रदेश देश में सबसे आगे है। जुलाई 2023 में गृह मंत्रालय द्वारा संसद में प्रस्तुत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, 2019 और 2021 के बीच मध्य प्रदेश में लगभग 200,000 महिलाएं और लड़कियां लापता हुईं।
किसी अन्य राज्य ने लापता व्यक्तियों की इतनी अधिक संख्या दर्ज नहीं की है। 2022 में, औसतन 32 बच्चे प्रतिदिन लापता हुए, जिनमें से 24 लड़कियां थीं, जो 75% मामलों के लिए जिम्मेदार है। एनजीओ चाइल्ड राइट्स एंड यू (CRY) द्वारा एकत्रित सूचना के अधिकार (RTI) रिपोर्ट में इस डेटा को उजागर किया गया था।
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